Sunday 31 July 2016

सूट-टाई पहनने से करियर को कितना नुक़सान?

सूट-टाई पहनने से करियर को कितना नुक़सान?

कॉरपोरेट सेक्टर में काम करने वाले मर्दों को आपने अक्सर सूट-टाई पहने दफ़्तर जाते देखा होगा.
एक तरह से कॉरपोरेट सेक्टर में काम करने वालों के लिए यह अनौपचारिक रूप से यूनिफॉर्म की तरह समझा जाता है.
लेकिन ब्रिटिश फैशन डिज़ाइनर ओज़वाल्ड बॉटेंग का मानना है कि सूट-टाई पहन कर दफ़्तर जाने से परेशानी पैदा होती है.
ओज़वाल्ड क्लोज़-फिटिंग और रंगीन सूट की डिजाइनिंग के लिए जाने जाते हैं. सूट सिलने के परंपरागत तरीक़े की बजाए आधुनिक तरीक़ा अपनाने की वजह से कई सेलिब्रिटी उनसे सूट सिलवाने वालों की फेहरिस्त में शामिल है.
इस फेहरिस्त में विल स्मिथ और माइक जैगर जैसे सेलिब्रिटी शामिल हैं.
उनका कहना है कि कॉरपोरेट सेक्टर से आने वाले उनके क्लाइंट कहते हैं कि वे बहुत अच्छा नहीं दिखना चाहते हैं.


अगर आप एक टॉप के फैशन डिज़ाइनर से अपनी सूट डिज़ाइन करवा रहे हो तो यह मांग थोड़ी अजीब लगती है.
ओज़वाल्ड कहते हैं, "मैं महसूस करता हूं कि ज्यादातर लोग जो इस तरह की मांग करते हैं उनमें जानकारी की कमी है. कई सीईओ ऐसे हैं जो ख़ुद की एक ताक़तवर छवि नहीं बनाना चाहते हैं."
ओज़वाल्ड मानते हैं कि नौकरी के दौरान उनके व्यवहार में यह संकोच दिखता है. अगर वे अपने पहनावे को लेकर कोई नया प्रयोग नहीं करते हैं तो वे अपनी कंपनी को आगे की ओर नहीं ले जा रहे हैं.
वो कहते हैं, "जब आप एक कंपनी में लीडर की भूमिका में हैं तो आपको वो सब कुछ सुनना और करना पड़ता है जो आपके लिए काम करने वालों को काम पर ध्यान देने में मदद करें. "
सेलिब्रिटी और सुपर मॉडल की दुनिया को छोड़ दे तो निश्चित तौर पर काम करने से ही आपको सफलता मिलनी चाहिए ना कि आप कैसे दिखते हैं?
निश्चित तौर पर इस बात पर आप यक़ीन करना पसंद करेंगे लेकिन हक़ीक़त कुछ और है.
स्विस बैंक यूबीएस के 44 पेजों की ड्रेस कोड जब 2010 में लीक हुई थी तो इसका खूब मज़ाक उड़ाया गया था.
इसमें स्टाफ के अंडरवीयर से लेकर हेयरकट तक के बारे में सलाह दी गई थी कि वे कैसी होनी चाहिए.
ड्रेस कोड की इस गाइड में कहा गया था कि बाहरी तौर पर सुसज्जित तरीक़े से रहने पर कंपनी के मूल्यों के बारे में पता चलता है.
हो सकता है कि यूबीएस ने इस मसले को कुछ ज्यादा ही तवज्जो दे दी हो लेकिन इसके कई सबूत हैं कि कर्मचारियों के पहनावे से फ़र्क पड़ता है.
हर्टफोर्डशायर विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान की प्रोफेसर कैरेन पाइन के शोध से पता चलता है कि सिर से पैर तक की आपकी वेश-भूषा के आधार पर सेकंडों में आपके बारे में राय बना ली जाती है और पहली नज़र में पड़ने वाले प्रभाव के मामले में आपके पहनावे का बड़ी भूमिका होती है.
वो कहती है कि उदाहरण के तौर पर जो लोग सिले सिलाए रेडीमेड सूट पहनते हैं उन्हें कम सफ़ल और कम लचीले रूख वाले माने जाते हैं. जबकि वो जो टेलर-मेड सूट पहनते हैं, उन्हें अधिक सफल समझा जाता है.
शोध के परिणामों में फ्रेंच फैशन हाउस के मुख्य अधिकारी सार्ज़ ब्रुंसविग कोई अचरज भरी बात नहीं देखते. उनका मानना है कि आख़िरकार लोग ये याद रखते हैं कि आप कैसे दिखते हैं, ये नहीं कि आपने क्या कहा.
वो कहते हैं, "हम हमेशा कहते हैं कि एक तस्वीर हज़ार शब्दों के बराबर होती है. नेता हज़ारों-हज़ार शब्द बोलते हैं लेकिन उन्हें अपने भाषण को निखारने के लिए अपने कपड़ों पर ध्यान देना चाहिए.
फैशन वेबसाइट वेस्तायर क्लेक्टिव की सह-संस्थापक फैनी मोइज़ैंट का कहना है कि मीटिंग के लिए सही कपड़े का चुनाव उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है.
मर्दों के लिए औरतों की तुलना में विकल्प भले ही कम होते हैं लेकिन मोइजैंट का कहना है कि ख़ुद को बेहतर तरीक़े से अभिव्यक्त करने का सिद्धांत उनपर भी लागू होता है.
बिज़नेस की दुनिया में फ़ेसबुक के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग जैसे उदाहरण भी मौजूद हैं जो प्रचलित कॉरपोरेट ड्रेस कोड के उलट तरह-तरह के टी-शर्ट जैसे कपड़े पहनने के लिए जाने जाते हैं.
लेकिन मोइजैंट का कहना है कि ऐसे कुछ लोग अपवाद हैं.



























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